बदलते मायने
पहले आता जब नया साल मैं बेहद खुश हो जाता था बंधती थी उम्मीद नया कुछ होने की संकल्प नया ले, उत्साहित होकर मैं जीवन नये सिरे से जीने में जुट जाता था। आता जब अगला साल नया टूटी उम्मीदों, संकल्पों से मायूसी तो होती थी पर जुटा हौसला, उनको पूरा करने में जुट जाता था। अब आता है जब साल नया बेहद व्याकुल हो जाता हूं लगता है फिर से बीत गया एक और साल दिन बचे हुए हैं गिने- चुने ही जीवन के बाकी है लेकिन काम बहुत सुस्ताने का है समय जरा भी नहीं अधूरे संकल्पों को जल्दी ही पूरा करने का लेता हूं संकल्प मायने बदल गये हैं नया साल अब आने के। रचनाकाल : 28-29 दिसंबर 2023