अच्छाई की ओर
इस दुनिया में अनगिनत हुए हैं महापुरुष ईश्वर का दर्जा मिला न जाने कितनों को कंटकाकीर्ण पथ पर चलकर आगे की राह दिखाई जिनने आने वाली पीढ़ी को। आसान बहुत है मेरी खातिर उनके अनुभव से उठा फायदा अच्छाई के पथ पर आगे चल पाना फिर भी इतना सा काम नहीं क्यों कर पाता? ईश्वर न सही, इंसान एक अच्छा बनना इतना ज्यादा तो कठिन नहीं मर्यादा पुरुषोत्तम के जितना त्याग न कर पाऊं, न सही कर पाऊं भले न उस हद तक पालन सच का कर गये जहां तक हरिश्चंद्र बन के मिसाल आदर्श एक मानव तो पर बन सकता हूं अपने पुरखों के पदचिह्नों पर चलने की कोशिश तो कर ही सकता हूं! रचनाकाल : 29 मार्च 2023