नया साल
सपना मैंने यह क्या देखा बीतता जा रहा नया साल भी पिछले वर्षों जैसा ही? भयभीत अचानक होकर जब उठता हूं तो यह पाता हूं यह भोर सुहानी नये साल के पहले ही तो दिन की है! है देर अभी भी नहीं हुई सबकुछ फिर से हो सकता है आरम्भ सिरे से नये गलतियां हो सकती हैं ठीक मिला है नये जनम के जैसा ही यह नये साल का पहला दिन मैं नहीं चाहता हर्गिज इसे गंवाऊं फिर से नये जोश के साथ जुट रहा हूं करने में एक नई शुरुआत कोटिश: ईश्वर का आभार कि उसने मौका फिर से एक दिया! रचनाकाल : 1 जनवरी 2023