अच्छा लगता है
हो लाख बुरा पर मुझे जमाना अपना अच्छा लगता है है नहीं शिकायत कोई, इतना घना अंधेरा क्यों है मुझको दीप जलाकर तिमिर भगाना अच्छा लगता है हर युग में रावण होते थे, सच तो यह है बनने की खातिर राम जुटानी पड़ती है ताकत रावण से भी ज्यादा मेरे युग के भी रावण तो हैैं महाबली रख कर वे अपनी जान हथेली पर रचते आतंकवाद मैं कोशिश करता हूं कि बन सकूं उनसे भी ज्यादा निर्भय अपने लक्ष्यों की खातिर अपनी जान दांव पर रख कर वे लेते औरों की जान चाहता हूं कि दांव पर रखकर अपनी जान बचाऊं मैं औरों की जान मुझे गांधीजी में भी अक्स राम का दिखता है। मैं नहीं चाहता हूं कि पूजने वालों में शामिल होऊं जिन आदर्शों की खातिर पूूजे जाते हैं भगवान उन्हीं आदर्शों पर चलकर उनके जैसा ही बनना अच्छा लगता है। तैंतीस कोटि देवता कभी रहते थे दुनिया में जिनको हम याद आज करते हैैं पूरी श्रद्धा से इतनी ही श्रद्धा से आने वाले युग में कर सकें याद धरतीवासी इस धरती पर रहते थे मानव सात अरब इतना ऊंचा मैं उठा सकूं मानवता को यह लक्ष्य सामने रखकर चलना अच्छा लगता है। रचनाकाल : 30 अक्टूबर 2021