बुरा न मानो होली है
क्या हुआ अगर हैैं कैद घरों में दिल में तो है जोश हमारे मन ही मन में खेलेंगे इस बार बुरा न मानो होली है। क्या हुआ अगर हम जला न पाये कूड़े-कचरे की होली मन के बुरे विचारों का ही दहन करें इस बार बुरा न मानो होली है। अच्छाई की ही जीत सदा होती है हम ये जानते हैैं हारेगा कोरोना का भी राक्षस हमसे इस बार बुरा न मानो होली है। हरदम से हम हैैं उत्सवप्रिय दुनिया की कोई भी विपदा हस्ती न मिटा पायेगी हम इंसानों की दु:ख-कष्टों की ज्वाला में तप निखरेंगे हम, खेलेंगे फिर से रंग आगामी साल बुरा न मानो होली है। रचनाकाल : 29 मार्च 2021