जीवन-मृत्यु
जिंदगी नहीं रुकती
कभी भी एक पल को भी
सृजन जारी निरंतर है
पुराना खत्म होता है
नये की बारी आती है
हमीं बस चाहते हैं अपने
हिस्से का समय थम जाय
हमेशा को अमर हो जायं!
मगर थमना तो मरना है
पुराना खत्म होगा जब
तभी होगा नया पैदा
अजब है यह विरोधाभास
डरते हैं हम मरने से
खुशी लेकिन मनाते हैं
कोई जब पैदा होता है
बिना लेकिन मरे कैसे
जनम लेगा नया कोई!
सृजन जब बंद हो जायेगा
मरना भी नहीं होगा
समय थम जायेगा जब
जिंदगी भी खत्म होगी तब
भला तब जन्म जैसी ही
जीवन पूर्ण जी करके
मनाते क्यों नहीं खुशियां हम मरने की!
रचनाकाल : 25 मार्च 2021
Comments
Post a Comment