सद्गुणों का सौंदर्य
फूलों का खिलना इतना अच्छा लगता है
तोड़ना उन्हें तो दूर, पास से छूने में डर लगता है
तोड़ना उन्हें तो दूर, पास से छूने में डर लगता है
वे कहीं न आहत या फिर मैले हो जायें।
उनके जैसा ही सुंदर पर, बनने की कोशिश करता हूं
उनकी ही तरह जहां जाऊं बिखरे सुगंध
मिलती है मुझे खुशी जितनी फूलों से
उतनी ही लोगों को भी मुझसे खुशी मिले
फूलों के जैसा ही बनने का मेरा भी मन करता है।
जड़ मिट्टी में, मुझको आकर्षित करती है
खुद रहकर भी गुमनाम
उनकी ही तरह जहां जाऊं बिखरे सुगंध
मिलती है मुझे खुशी जितनी फूलों से
उतनी ही लोगों को भी मुझसे खुशी मिले
फूलों के जैसा ही बनने का मेरा भी मन करता है।
जड़ मिट्टी में, मुझको आकर्षित करती है
खुद रहकर भी गुमनाम
चूमने की खातिर वह आसमान
पेड़ों को पोषण देती है
मैं भी उनकी ही तरह, दिखावा किये बिना
मेहनत इतनी घनघोर चाहता हूं कि करूं
पोषण मिल पाये सभी सद्गुणों को मेरे
पेड़ों जैसे ही वे भी खूब फलें-फूलें।
दुनिया में मुझको जो भी अच्छी
पेड़ों को पोषण देती है
मैं भी उनकी ही तरह, दिखावा किये बिना
मेहनत इतनी घनघोर चाहता हूं कि करूं
पोषण मिल पाये सभी सद्गुणों को मेरे
पेड़ों जैसे ही वे भी खूब फलें-फूलें।
दुनिया में मुझको जो भी अच्छी
चीज दिखाई पड़ती है
Comments
Post a Comment