कठिन समय के साथी
यह सच है जग में सारी चीजें ढलती हैं दिन-रात हमेशा आते-जाते रहते हैं इसलिये नहीं यह कभी कामना करता हूं जीवन में हरदम अच्छे दिन ही बने रहें पर कभी समय प्रतिकूल शुरू हो जाये जब अच्छा करने पर भी परिणाम बुरा आये सोना भी हाथ लगाते मिट्टी बन जाये हे ईश्वर, ऐसे कठिन समय में भी मेरे भीतर के सद्गुण नष्ट नहीं होने देना जब सिर्फ जरा सी करने पर बेईमानी होने वाला हो लाभ मुझे, ऐसे में भी ईमान नहीं मेरे मन का डिगने देना बदले में चाहे जितना भी दु:ख दे देना मैं जैसे पास किताबें रख दो-चार बहुत बोझिल दिन में भी बोर नहीं होने पाता वैसे ही सद्गुण बने रहेंगे साथ अगर जंगल को भी मैं मंगलमय कर ही लूंगा। रचनाकाल : 25 जून 2025