सुनहरा श्रम

जब बुरी तरह थक जाता हूं
आती है गहरी नींद
सुनहरे सपनों में खो जाता हूं।
सपने देते हैं सम्बल
दिनभर की थकान हर लेते हैं
फिर से करने को मेहनत
अगली सुबह ताजगी देते हैं।
जिस दिन करता हूं काम नहीं
उस दिन आती है नींद नहीं
दु:स्वप्न रातभर आते हैं।
मैं कभी-कभी सोचा करता
सपनों की खातिर घोर परिश्रम करता हूं
या बिना थके कर सकूं काम
इसलिये सुनहरे सपने देखा करता हूं!

रचनाकाल : 26 फरवरी 2025

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