मौन की शक्ति
पहले मुझको यह लगता था
हम बातचीत से मसले हल कर सकते हैं
मीठी वाणी से सबका दिल हर सकते हैं
फिर क्यों इतना सा काम नहीं कर पाते हैं
कटु शब्दों से झगड़ा फैलाते जाते हैं?
पर समझ बढ़ी तब यह जाना
शब्दों में खुद की शक्ति बहुत कम होती है
जो करते हैं हम उसकी प्रतिध्वनि होती है
हो काम हमारा अगर बुरा तो
चिकनी-चुपड़ी बातों से भी नहीं फायदा होता है।
इसलिये मौन अब रहता हूं
जो कहना होता है अपने कामों के जरिये कहता हूं
बातें लोगों को झूठी भी लग सकती हैं
पर मौन कभी भी झूठ बोलता नहीं
असर उसका लोगों के दिल पर सीधा होता है।
रचनाकाल : 14 नवंबर 2025
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