सुख अधिक कीमती है या दु:ख?
भगवान जिन्हें हम कहते हैं
क्या सुख वे भोगा करते हैं?
वनवास बरस चौदह भोगा
जब राज मिला तब निर्वासित कर सीता को
सुख कितना भला मिला होगा
भीतर-बाहर दु:ख जीवनभर जो सहता है
क्या राम उसी को कहते हैं?
जो राजमहल से दूर
पर्वतों पर वनवासी लोगों जैसे रहते हैं
दुनिया को लेकिन जीवन देने की खातिर
जो जहर पी लिया करते हैं
उन शिवशंकर को ही हम पूजा करते हैं!
सोने की लंका में जो रावण रहता है
धन लूट-पाट कर जो कुबेर का
सब सुख भोगा करता है
सीता को हर लेता है जो, हम उसे जलाया करते हैं
फिर सुख के पीछे ही क्यों भागा करते हैं?
(रचनाकाल : 6 अक्टूबर 2025)
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