लड़ाई भीतर की
जितना ही बढ़ता है
दुनिया में खतरा लड़ाई का
उतना ही लड़ता हूं
भीषण अपने आप से
रोक सकूं ताकि सर्वनाश को
कि दानव मेरे भीतर का
हो गया जो बेकाबू
कोई उम्मीद नहीं बचेगी
दुनिया के बचने की
इसीलिये लगाकर भी
बाजी अपने प्राणों की
लड़ता हूं भीतर के दैत्य से
कि निर्भर है हार-जीत
बाहर के युद्ध की
भीतर के नतीजे पर
जब तक है युद्ध जारी भीतर का
दुनिया के बचने की
उम्मीद बाकी है।
रचनाकाल : 2 अक्टूबर 2024
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