असफल की सफलता


जितनी ही बढ़तीं उपलब्धियां
उतनी ही बेचैनी बढ़ती है
आती है याद ऐसे लोगों की
करके भी मेहनत घनघोर जो
असफल ही जिंदगी में रह गये!
जानता हूं होती हैं 
पूरी जो कविताएं
होती हैं कर्जदार
ढेरों अधूरी कविताओं की
गगनचुंबी जैसे इमारतें
होती हैं टिकी गहरी नींव पर
पेड़ों का होता अस्तित्व ही
निर्भर अपनी जड़ों पर
मुझको भी अपनी सफलताओं में
असफल सारे लोगों का
दिखता है योगदान
इसीलिये देते हैं 
लोग मुझे श्रेय जब
लज्जा से गड़ जाता हूं
सारे असफल लोगों से
कहना यह चाहता हूं
अपनी असफलता से
कोई भी न हर्गिज हताश हो
जाता नहीं कोई भी परिश्रम व्यर्थ
रूप में किसी न किसी
फलीभूत होता है
दुनिया के सारे सफल
लोगों की सफलता में
दुनिया के सारे असफल
लोगों का योगदान होता है।
रचनाकाल : 1 जून 2024
 

Comments

Popular posts from this blog

गूंगे का गुड़

सम्मान

नये-पुराने का शाश्वत द्वंद्व और सच के रूप अनेक