न्याय का तरीका


मैं न्यायाधीश नहीं हूं पर
अन्याय जहां भी दिखता है
वह मुझसे सहन नहीं होता
सह करके भी नुकसान
पीड़ितों को देने की भरपाई
मैं भरसक कोशिश करता हूं।
कुछ लोगों को यह लगता है
भावुकता में हर बार ठगा जाता हूं मैं
पर मुझे पता है कविता में
भरपाई मुझको मिल जाती है कई गुना
मन जितना निर्मल रहता है
उतना अच्छा लिख पाता हूं।
जो भी करते अन्याय
समझते हैं मुझको वे बेवकूफ
मन मैला उनका देख मगर
दु:ख मुझको गहरा होता है
सुख मिलता है जो अनुपम
उज्ज्वल अंत:करण बनाने से
अहसास कभी क्या उसका वे कर पायेंगे!
रचनाकाल : 7 नवंबर 2023

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