नया नजरिया


लगा रखे हैं मैंने अपने
कानों में कन्वर्टर
कोई गाली देता है मुझको
तारीफ सुनाई देती है
कहता हूं जब शुक्रिया
अचानक भाव बदल जाता है उसके चेहरे का
दुश्मनी छोड़ दोस्ती बढ़ाने लगता है।
मैंने आंखों में लेंस लगाया ऐसा
सारी चीज दिखाई देती मुझे सकारात्मक
करता कोई निंदा तो ऐसा लगता है
मेरे भीतर की दूर बुराई करके वह
मुझको सोने सा खरा बनाने
खातिर कोशिश करता है।
कोशिश कर-करके मैंने अपना
गला बनाया ऐसा
जब गुस्से में कोई कड़ी बात भी कहता हूं
सुनने वाले को लगता है
सुमधुर अभिवादन करता हूं
जब उसी भाव से उत्तर देता है वह तो
मेरा सारा गुस्सा ठण्डा पड़ जाता है।

देखने और कहने-सुनने का
अपनाया है जब से नया नजरिया
सारी चीजें बदल गई हैं 
बेहतर बनता मैं 
दुनिया भी मेरे आसपास की
बेहतर बनती जाती है।
रचनाकाल : 15 अप्रैल 2023

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