ईश्वर का अस्तित्व
था मुझे पता वे गलत नहीं
जो कहते हैैं अस्तित्व नहीं है ईश्वर का
पर यह भी था मालूम मुझे
है नहीं आत्म-अनुशासन इतना उनमें
भय के बिना किसी ईश्वर के भी
बच सकें निरंकुश होने से।
इसलिये नहीं मैं करता यह घोषणा
कि ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं
सच तो यह है ईश्वर को कोई
फर्क नहीं पड़ता इससे
हम मानें या ना मानें, पर
हमको पड़ता है फर्क
बदल जाती है सोच हमारी
संबल मिलता है
खुद को अनुशासित रखने का।
जब बन जायेंगे पूर्ण पुरुष
तब खुद ही नहीं रहेगी आवश्यकता
ईश्वर का आश्रय लेने की
तब यह प्रश्न निरर्थक हो जायेगा
ईश्वर है या नहीं
सभी कुछ ईश्वरमय हो जायेगा
हम भी ईश्वर बन जायेंगे!
रचनाकाल : 6 नवंबर 2022
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