सौभाग्य और दुर्भाग्य

जब भी मैं अनहोनी से बच जाता हूं
सौभाग्य साथ देता मेरा
खुद को पाता हूं ऋणी दूसरों का।
जिन दुर्घटनाओं में होती सम्भावना
मात्र आधे लोगों के बचने की
सिर झुकता मेरा मरने वालों के आगे
बचने वाले आधे लोगों में रखने की खातिर मुझको
मरने वाले आधे लोगों में नाम उन्होंने लिखा लिया!
सौभाग्य से मुझे मिलती है जब चीज कोई
खुद को पाता हूं कर्जदार मैं उनका
मेरे जैसे ही जो योग्य, सक्षम थे लेकिन
मौका मिल पाया नहीं उन्हें वह, क्योंकि अभागे थे!
हर चीज संतुलित होती है
जितना सुख होता धरती पर, उतना ही दु:ख भी होता है
सौभाग्य अभागों की कीमत पर मिलता है
लॉटरी जिसे लगती है वह पैसा
हार चुके लाखों लोगों का होता है
जिनकी कीमत पर लाखों में कोई बस एक जीतता है।
हर जीत मुझे इसलिये, हारने वालों के दु:ख से भर देती है
कोशिश करता, फल मुझको मिलता है जो बस सौभाग्य से, उसे
सभी अभागे लोगों से मिल बांट सकूं
लॉटरी मुझे जो लगती है उससे सारे
हारे लोगों को उनका हिस्सा चुका सकूंं
मुझे बचाने की खातिर जो मारे गए दुर्घटना में
कर्ज चुकाने खातिर उनका, दुनिया बेहतर बना सकूं
रचनाकाल : 1-2 जुलाई 2021

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