मेरी बारी
मैं नहीं मिला हूं कभी दिशा रवि या ग्रेटा थनबर्ग से
प्राणों से भी प्यारा है मुझको देश
कभी यह सोच नहीं सकता कि करूंगा गद्दारी
जाने पर क्यों लगता है मुझको
गिरफ्तार होने की अगली बारी मेरी है।
चिंतित हूं मैं कि किसान सड़क पर बैठे हैं
भय उनके भीतर गहरा है, बेदखल खेत से होने का
वे नहीं चाहते हैं कोई हिंसा-फसाद
प्राणों से भी प्यारा है उनको देश
अनुभवी आंखें उनकी भय से देख रहीं पर कृषि कानूनों को।
मैं चिंतित हूं यह देख निरंतर पर्यावरण प्रदूषित होता जाता है
मेरी पीढ़ी के लोगों को पर फिकर नहीं
करते ही जाते हैं तबाह वे धरती को
नई पीढ़ी के बच्चे हैं लेकिन परेशान
कुछ भी करने की खातिर हैं तैयार, बचाने धरती को
है प्यारी दुनिया सारी उनको, शामिल है जिसमें उनका भी देश।
मैं डरता रहा कि ठप्पा लगा दिया जाएगा मुझ पर गद्दारी का
देशद्रोहियों की सूची में नाम लिख दिया जायेगा
पर बच्चे भी जब नहीं डर रहे जेलों से
तैयार बचाने की खातिर हैं जब वे सारी दुनिया को
मैं शर्मिन्दा हूं, बारी अब तक आ पाई क्यों नहीं
गिरफ्तारी की मेरी!
रचनाकाल : 16-17 फरवरी 2021
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