तरफदारी
भागता ही जा रहा है समय तेजी से
शक्तियां भी खत्म होती जा रही हैं साथ में
प्रतिरोध करने की नहीं ताकत बची
सबकुछ बदलता जा रहा
फिर भी है जब तक सांस
निष्क्रिय रह नहीं सकता
नकारात्मक दिशा में साथ सत्ताधारियों के
बढ़ नहीं सकता
कि जब तक खत्म ही हो जाय ना दम
जूझता ही चला जाऊंगा निरंतर
मायने रखता नहीं कितना बढ़ा आगे
यही होगा बहुत मेरे लिये
कोई कसर बाकी नहीं रक्खी
करे जब फैसला इतिहास
किसके पक्ष में था कौन
मेरा नाम ना हो ताकि
जुल्मी शासकों के पक्ष में।
शक्तियां भी खत्म होती जा रही हैं साथ में
प्रतिरोध करने की नहीं ताकत बची
सबकुछ बदलता जा रहा
फिर भी है जब तक सांस
निष्क्रिय रह नहीं सकता
नकारात्मक दिशा में साथ सत्ताधारियों के
बढ़ नहीं सकता
कि जब तक खत्म ही हो जाय ना दम
जूझता ही चला जाऊंगा निरंतर
मायने रखता नहीं कितना बढ़ा आगे
यही होगा बहुत मेरे लिये
कोई कसर बाकी नहीं रक्खी
करे जब फैसला इतिहास
किसके पक्ष में था कौन
मेरा नाम ना हो ताकि
जुल्मी शासकों के पक्ष में।
रचनाकाल : 21 जनवरी 2021
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