दुनिया उस पार की
हर आदमी के भीतर
होते हैैं जैसे कई आदमी
ऐसे ही इस एक दुनिया में
समाये हैैं अनंत विश्व
जैसे ही बदलती मनोदशा
बदल जाती दुनिया को
देखने की दृष्टि भी
देख कर अभिभूत हूं
कि बढ़ता हूूं जितना ही
आगे शिखर की ओर
आते ही जाते हैैं सामने
अद्भुत दुनिया के रंग
चाहता हूं सबको
दिखाना दुनिया अद्भुत
दीखती जो गहन गिरि शिखरों से
रास्ता तो बेशक दुरूह है
कांटे पग-पग पर हैैं
चारों तरफ भरे हिंस्र जानवर
लेकिन सपनीली है
दुनिया उस पार की
इसीलिये चाहता हूं पार करना
सारी कठिनाइयां
लेकर सबको चलना
कांटों भरी राह से
उस अद्भुत लोक में।
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