सम्मानजनक मौत
भयानक है यह दौर
पर यही वह समय भी है
जब कर सकता हूं इसमें हस्तक्षेप
बदल सकता हूं घटनाओं को
वरना गुजरने के बाद तो यह
सिमट जायेगा इतिहास के पन्नों में
और पढ़ाया जायेगा बच्चों को
कि एक ऐसा भी दौर आया था दुनिया में
फंस गये थे लोग जब
अपने ही बनाये, विकास के चक्रव्यूह में
नहीं ढूंढ़ पाये थे निकलने का कोई उपाय
और मरने लगे थे कीड़े-मकोड़ों की भांति
नहीं होगी यह ऐसी मृत्यु
जिस पर नाज कर सके आने वाली पीढ़ी।
तोड़ना ही होगा इस चक्रव्यूह को
ढूंढ़नी ही होगी अपने लिए
इससे कहीं बेहतर सम्मानजक मौत।
रचनाकाल : 30 अप्रैल 2020
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