अनमोल जीवन
कुछ नहीं बचता जब
करने या सोचने को
चलता रहता है जीवन तब भी
इच्छा नहीं होती लेकिन जीने की
बेमकसद जीवन का
आखिर क्या अर्थ है?
शायद अवसाद यही
प्रेरित करता होगा
करने को आत्मघात.
बेशक वह हल नहीं समस्या का
लेकिन बन जाय जब
जीवन खुद समस्या
क्या करे कोई ऐसे जीवन का!
बेशक यह सच है
कि जीवन अनमोल है
बेमतलब जीना भी
लेकिन निर्थक है
चाहते हम करना अगर सार्थक
रखना होगा हिसाब
एक-एक क्षण का
वरना साबित होंगे अपराधी
अनमोल जीवन को
निर्थक जीते जाने का.
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