कठिन विकल्प


गुजरता हूँ जब गहन पीड़ा से
जन्म लेती हैं तभी, महान कविताएँ
इसीलिये नहीं करता मन
भागने का, अब कष्टों से
चुनता हूँ वही विकल्प
जो सर्वाधिक कठिन हो.
हताशा लेकिन होती है
शक्ति के अभाव में जब
चिड़चिड़ा उठता है मन.
होती महसूस तब
प्रार्थना की जरूरत
इसलिये नहीं कि कम हो जायँ दु:ख-कष्ट
बल्कि शक्ति मिले उन्हें सहने की.
इसीलिये बार-बार
हार कर भी आता उसी जगह पर
चुनता हूँ कठिन विकल्प
स्वेच्छा से दु:ख-कष्ट.
फीनिक्स पक्षी की तरह
मरता हूँ बार बार
जीता हूँ फिर-फिर
अपनी ही राख से.

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